वीडियो जानकारी:<br /><br />शब्दयोग सत्संग<br />२७ जुलाई २०१४,<br />अद्वैत बोधस्थल, नॉएडा<br /><br />विणु गुण कीते भगति न होइ<br />~जपुजी साहिब~<br /><br />प्रसंग:<br />जो तुम अभी कर रहे हो वही तुम हो का क्या अर्थ है?<br />मन के अनेक रूप होने के कारण स्वयं को पहचानने में दिक्कत क्यों होती है?<br />स्वयं को पहचनाने के एक मात्र सरल तरीका कौनसा है?<br />मैं कौन हूँ?